लम्हे

लम्हे तुम कहते हो जल्दी ही, पर  ये बता दो की, कितना दूर है ये जल्दी का होना। कितना छोटा है ये लंबा सफर, क्यों नहीं कट जाता, उतनी जल्दी…
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सच

सच सच से सामना होता है कई बार जब खड़ी होती हूँ फुटपाथ पर , देखती हूँ, फटेहाल भीख मांगते बच्चे वहीं साथ खड़ी तन को ढकने की कोशिश करती…

ज़िन्दगी के नाम एक पत्र

हेलो जिंदगी, अजीब हठी हो तुम, जैसा सोचो वैसा करती करती ही नहीं, कुछ और ही होता है तुम्हारे मन में, जब सोचो समुन्दर तो तुम पंहुचा देती हो खुले…

इच्छाशक्ति

इच्छाशक्ति जो रोक देता है, दौड़ने से, वो डर ही है, बाँध देता है अदृश्य रस्सी से, नहीं बढ़ते पैर रिवाज़ों, मज़बूरियों, रिश्तों नातों के आगे, नहीं रहती कुछ नया…

दादी और सिया

दादी और सिया सिया को सुननी रोज़ कहानी, पर दादी करती आनाकानी। झपकी लेते ही दादी की, हटा देती वो मछरदानी पीं पीं करते मच्छर जब, झटपट उठती दादी, गुस्सा…

गीत

गीत   कभी था पूर्णिमा से बेहद प्यार मुझे, अब आमावस की रात यूँ भाने लगी है। रोशनी में नहीं दिखते थे जो चेहरे अँधेरे में वे अब जगमगाने लगे…

मेरा चाँद

मेरा चाँद   चाँद को ध्यान से देखना कभी, दो परछाईं दिखाई देंगी। हमेशा देखती थी मैं और समझ नहीं पाती थी कौन हैं ये दोनों।   ये सिर्फ मुझे…

सीढियाँ

सीढियाँ   अजीब सी कहानी है , कहीं मध्य में जाकर जैसे ही समझ सी आने लगती है, एक नया मोड़ आ जाता है। रास्ते बदल जाते हैं, पुराने किरदार…